मोहनलाल बहुत बड़े
उद्योगपतियों में से एक थे। उनका नाम और उनकी पहचान उनके कारखाने की वजह
से बढ़ती जा रही थी जहाँ हजारों मजदूर और कारीगर काम किया करता थे। कारखाने
से उन्हें हर लाखों का मुनाफा होता और इसी के कारण हजारों मजदूरों के घर
में चूल्हा जलता था।
एक दिन अचानक उनके कारखाने में एक मशीन ख़राब
हो गयी जिसको बनाने के लिए दूर-दूर से इंजीनीयर आये लेकिन वो उसे सही करने
में असफल साबित हुए। मशीन की खराबी के कारण मोहनलाल को लाखों का नुकसान हो
रहा था।